प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्ति के उपाय
ऐसा करने से जल्द से जल्द समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
‘लाल किताब’ ज्योतिर्विद्या की एक स्वतन्त्र और मौलिक सिद्धान्तों पर आधारित एक अनोखी पुस्तक है। इसकी कुछ अपनी निजी विशेषताएँ हैं, जो अन्य सैद्धान्तिक अथवा प्रायोगिक फलित ज्योतिष-ग्रन्थों से हटकर हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता ग्रहों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जातक को ‘टोटकों’ का सहारा लेने का संदेश देना है। ये टोटके इतने सरल हैं कि कोई भी जातक इनका सुविधापूर्वक सहारा लेकर अपना कल्याण कर सकता है। काला कुत्ता पालना, कौओं को खिलाना, क्वाँरी कन्याओं से आशीर्वाद लेना, किसी वृक्ष विशेष को जलार्पण करना, कुछ अन्न या सिक्के पानी में बहाना, चोटी रखना, सिर ढँक कर रखना इत्यादि। ऐसे कुछ टोटकों के नमूने हैं, जिनके अवलम्बन से जातक ग्रहों के अनिष्टकारी प्रभावों से अनायास की बचा जाता है। कीमती ग्रह रत्नों (मूंगा, मोती, पुखराज, नीलम, हीरा आदि। में हजारों रुपयों का खर्च करने के बजाय जातक इन टोटकों के सहारे बिना किसी खर्च के (मुफ्त में) या अत्यल्प खर्च द्वारा ग्रहों के दुष्प्रभावों से अपनी रक्षा कर सकता है।
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अब यदि आपको यह पता चलता है कि आपकी कुंडली में नवम भाव में कोई ग्रह नहीं है और उस भाव पर किसी ग्रह की दृष्टि भी नहीं पड़ रही है और उस भाव का ग्रह किसी शत्रु भाव में बैठा है तो मतलब यह कि भाग्य सोया हुआ या कमजोर है। ऐसे में उसके यहां सामान्य उपाय बताए जा रहे हैं।
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अब जानते है बुध ग्रह को मजबूत करने के उपायों के बारे में:
बिना कम के फल कहां मिलता है अर्थात कर्म करना हर प्राणी का कर्तव्य है और यदि कोई व्यक्ति अपनी किस्मत चमकाने का आसान उपाय करना चाहता है तो कर्म के साथ-साथ किस्मत चमकाने के उपाय उनको भी किया जा सकता है हमारे दैनिक जीवन में बहुत से ऐसे उपाय हैं जिनसे किस्मत चमक जाती है और व्यक्ति के जीवन में खुशी के क्षण प्राप्त होते हैं आइए हम किस्मत चमकाने के उपाय संक्षिप्त में बताते हैं.
हाथों में भाग्य रेखा- हाथों में भाग्य रेखा होती है। राहु या केतु पर्वत से निकलकर शनि या गुरु पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भाग्य रेखा कहते हैं। भाग्य रेखा यदि सरल और स्पष्ट है तो व्यक्ति का भाग्य साथ देगा लेकिन यह रेखा यदि टूटी-फूटी और अस्पष्ट है तो कर्म पर ही निर्भर रहना होगा। यह भी मान्यता है कि यदि यह रेखा कलाई से निकलकर गुरु पर्वत में मिल जाए तो व्यक्ति बहुत ही ज्यादा भाग्यशाली होता है लेकिन शनि पर्वत में मिल जाए तो भाग्य की कोई ग्यारंटी नहीं। लेकिन यदि आपके हाथ में यह रेखा है ही नहीं तो फिर क्या करें?
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नौवें भाव के लिए गुरु का उपाय करना होता है। यदि नौवें भाव में पहले से ही गुरु ग्रह हैं तो अति उत्तम लेकिन धर्म विरुद्ध आचरण बर्बादी का कारण बन सकता है। मतलब यह कि मांस-मदिरा से दूर रहेंगे, सत्य बोलेंगे और पिता, दादा, ईश्वर और कुल देवता में श्रद्धा रखेंगे तो भाग्य जाग जाएगा। दूसरा यह कि नवम भाव सोया हुआ है तो प्रति गुरुवार के दिन पीला वस्त्र धारण करें, सोना पहनें और केसर का तिलक लगाएं।
मुख्य द्वारा की सज्जा: घर के मुख्य द्वार की सजावट अच्छी होना चाहिए ताकि समृद्धि बिना here झिझक आपके घर में प्रवेश कर सके। इसके अलावा अपने घर के द्वार पर अपने नाम की नंबर प्लेट भी होना चाहिए। इस हिस्से में अच्छी रोशनी और रंग-रोगन होना चाहिए।